Raksha Bandhan 2020: रक्षाबंधन का त्योहार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल सावन के आखिरी सोमवार (3 अगस्त) पर रक्षाबंधन का त्योहार पड़ रहा है। भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन इस बार बेहद खास होगा, क्योंकि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, रक्षाबंधन पर ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है। साथ ही इस साल भद्रा और ग्रहण का साया भी रक्षाबंधन पर नहीं पड़ रहा है।
रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते को दर्शाता है। रक्षाबंधन का त्योहार सदियों से चला आ रहा है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भी है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती हैं। हिंदूओं के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं इस साल रक्षाबंधन का त्योहार कब मनाया जाएगा और इस पर्व का मुहूर्त क्या रहेगा।
कब है रक्षाबंधन 2020?
Raksha Bandhan 2020 Date: रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 3 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा। यह त्योहार हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है और 3 अगस्त के दिन यह तिथि पड़ रही है।
रक्षाबंधन मुहूर्त 2020:
रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- 09:28 से 21:14
अपराह्न मुहूर्त- 13:46 से 16:26
प्रदोष काल मुहूर्त- 19:06 से 21:14
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 21:28 (2 अगस्त)
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 21:27 (3 अगस्त)
इस विधि से भाई की कलाई में बांधें राखी
रक्षाबंधन के दिन सुबह-सुबह उठकर स्नान करें और शुद्ध कपड़े पहनें। इसके बाद घर को साफ करें और चावल के आटे का चौक पूरकर मिट्टी के छोटे से घड़े की स्थापना करें। चावल, कच्चे सूत का कपड़ा, सरसों, रोली को एकसाथ मिलाएं। फिर पूजा की थाली तैयार कर दीप जलाएं। थाली में मिठाई रखें। इसके बाद भाई को पीढ़े पर बिठाएं। अगर पीढ़ा आम की लकड़ी का बना हो तो सर्वश्रेष्ठ है।
जानिए कैसे सजाएं राखी की थाली-
राखी की थाली में रेशमी वस्त्र, केसर, सरसों, चावल, चंदन और कलावा रखकर भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद राखी भगवान शिव की प्रतिमा को अर्पित करें। अब भगवान शिव को अर्पित किया गया धागा या राखी भाइयों की कलाई में बांधे।
रक्षा सूत्र बांधते वक्त भाई को पूर्व दिशा की ओर बिठाएं। वहीं भाई को तिलक लगाते समय बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। इसके बाद भाई के माथ पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधें। राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें फिर उसको मिठाई खिलाएं। अगर बहन बड़ी हो तो छोटे भाई को आशीर्वाद दें और छोटी हो तो बड़े भाई को प्रणाम करें।
रक्षाबंधन पर्व का धार्मिक महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार, राजसूय यज्ञ के समय भगवान कृष्ण को द्रौपदी ने रक्षा सूत्र के रूप में अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था। इसी के बाद से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा शुरू हो गई। रक्षाबंधन के दिन ब्राहमणों द्वारा अपने यजमानों को राखी बांधकर उनकी मंगलकामना की जाती है। इस दिन विद्या आरंभ करना भी शुभ माना जाता है।
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