21 March 2015

Know More on Navratri 2015 Dates and its Celebrations - Jai Mata Di

Navratra will be of 8 days, 6 days will have auspicious muhurt for

आमतौर पर नवरात्र के दिनों का घट जाना शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन इस बार शुभ योगों का संयोग बनेगा

इस बार चैत्र नवरात्र नौ की जगह आठ दिन का होगा। इसका का शुभारंभ 21 मार्च से हो रहा है। आमतौर पर नवरात्र के दिनों का घट जाना शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन इस बार चैत्र नवरात्र के आठ दिन में छह दिन शुभ संयोग वाले रहेंगे।

पंडितों का कहना है कि शनिवार से नवरात्र शुरू होना श्रेष्ठ समृद्धि का कारक होगा। साथ ही ग्रहचाल की दृष्टि से देव गुरू बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में रहेंगे। इस बार नवरात्र स्थापना के दिन 21 मार्च को दिन-रात बराबर होंगे। सूर्योदय सुबह छह बजे होगा और सूर्यास्त शाम छह बजे होगा। यानी दिनरात की अवधि 12-12 घंटे की होगी। ऎसी स्थिति कई वर्षो बाद होगी।

पंडित अजय शर्मा के मुताबिक, चैत्र नवरात्र 21 मार्च से शुरू होकर 28 मार्च को समाप्त होगा। नवरात्र की अवधि में कई ऎसे शुभ योगों का संयोग बनेगा, जिनमें केवल शुभ कार्य ही नहीं, बल्कि भूमि, भवन, वाहन व गहने की खरीद-फरोख्त भी समृद्धिदायक रहेगी।

पं. शर्मा के अनुसार, सबसे अधिक शुभ योग नवरात्र के पहले दिन रहेगा। इस दिन गुड़ी पड़वा और विक्रम नवसंवत्सर का शुभारंभ भी होगा। शुक्ल पक्ष प्रारंभ होने पर चंद्रमा इस दिन मीन राशि में रहेगा, जो शुभ फलदायक रहेगा। 23 मार्च को गणगौर तीज विनायकी चौथ एक साथ होने पर नए अनुबंध, गृह प्रवेश आदि कार्य उत्तम रहेंगे। 25 मार्च को पंचमी छठ एक साथ होगी। इस दिन सूर्योदय से रात 12.05 तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। दुर्गा महाअष्टमी 27 मार्च को रहेगी।

इस बार शनिवार से नवरात्र शुरू होना और शनिवार को ही पूर्ण होना व्यापारियों के लिए विशेष उन्नतिदायक रहेगा। यह आम लोगों के लिए भी खुशहाली देने वाला होगा। नवरात्र में 28 मार्च को रामनवमी धूमधाम से मनाई जाएगी। अगले दिन यानी 29 मार्च को रविपुष्य का विशेष संयोग रहा है। रविपुष्य योग संपूर्ण दिन-रात रहेगा। इसके साथ रवि योग सर्वार्थसिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है।

ज्योतिषाचार्य पंडित सुखनंदन शास्त्री के अनुसार, इस बार नवरात्र स्थापना के दिन 21 मार्च को दिन-रात बराबर होंगे। सूर्योदय सुबह 6 होगा और सूर्यास्त शाम 6 बजे ही होगा। यानी दिन रात की अवधि 12-12 घंटे की होगी। ऎसी स्थिति कई वर्षों बाद होगी।

देवी पुराण में घटस्थापना के लिए प्रात: काल ही श्रेष्ठ बताया गया है। इसलिए सुबह द्विस्वभाव लग्न में घट स्थापना करनी चाहिए। 21 मार्च को सूर्योदय प्रात 6 बजे होगा और द्विस्वभाव मीन लग्न प्रात: 7.04 बजे तक रहेगा। इसलिए 8.40 बजे से 9 बजे तक घट स्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा।

नवरात्र के आठ में से छह दिन रहने वाले सुयोग में कोई भी शुभकार्य शुरू करना और वाहन, स्वर्ण आभूषण, प्रॉपर्टी का लेन-देन करना श्रेष्ठ रहेगा। इस समय के दौरान की गई खरीदारी घर में समृद्धि लाने वाली होगी।

जानिए किस दिन है कौन सा संयोग :

22 मार्च : सर्वार्थसिद्धियोग
23 मार्च : रवियोग

24 मार्च : सर्वार्थसिद्धियोग,
25 मार्च : सर्वार्थसिद्धियोग, कुमार योग, व राजयोग

27 मार्च : रवियोग, सर्वार्थसिद्धि योग
28 मार्च : रवियोग

29 मार्च : रविपुष्य योग, रवि योग व सर्वार्थसिद्धि योग

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